4-0 या 1-0 और एक हीरो चार राज्यों के चुनावी नतीजों की इस आंधी में हर पार्टीे ने कुछ खोया तो कुछ पाया। भाजपा 4-0 का डंका बजा बजा कर खुश होती रही। कांग्रेस के पास किसी भी राज्य से कोई भी खुशखबरी नहीं थी। और एक विस्मयकारी जीत के बाद भी आम आदमी पार्टी के नेता और अब देश के महानायक अरविंद केजरीवाल ने अपने मूल्यों के आधार पर विनम्रता पूर्वक इस जनादेश को जनता को समर्पित कर दिया। अरविंद के माताजी और पिताजी को शत शत नमन। दिल्ली और देश के पूत के पांव पालने में मगर दिल्ली में जो हुआ वो अभूतपूर्व है। आम आदमी पार्टी एक आठ नौ महीने के मासूम बच्चे की तरह हर वोटर की गोद में खेलती हुई दिखी। इस छोटे से बच्चे के साथ खेलने के लिये हर आम आदमी और औरत लोलुप दिखा। इस छोटे से निष्कपट बच्चे की सच्चाई ने सबको अपनी ओर आकर्षित किया और आम आदमी पार्टी को 28 सीटों और 31 प्रतिशत वोटों से विजयी बनाया। इसको विजय इसलिये कह रहा हूं क्योंकि इस छोटे से बच्चे ने अपनी धुर विरोधी 50 से 100 साल पुरानी राजनैतिक पार्टियों के शीर्षस्थ नेताओं को निरूत्तर कर के छोड़ दिया। कांग्रेस पार्टी का तो जि़क्र करना भी बेमानी है स
"After 3-4 months , I had nothing to show for my sales effort and I ran out of money" - ZOHO Brothers
It was October , 1995 . Sridhar Vembu had completed his PhD at Princeton University , US , a year ago and was involved in wireless research at Qualcomm in San Diego . His younger brother Kumar was also a software engineer at Qualcomm , a promising startup at the time . The youngest of the three brothers , Sekar , had just arrived in the US for a PhD at Rochester University in New York.